टेप रीडिंग ट्रेडिंग रणनीति

टेप रीडिंग एक पुरानी लेकिन प्रभावी मूल्य और मात्रा विश्लेषण तकनीक है। टेप रीडिंग ट्रेडिंग रणनीति का क्या अर्थ है और इसकी प्रासंगिकता को यहाँ कवर किया जाएगा। हम यह भी चर्चा करेंगे कि आपके ट्रेड को अनुकूलित करने के लिए इस रणनीति का उपयोग कैसे करें।

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टेप रीडिंग ट्रेडिंग रणनीति क्या है?

हर प्रकार की ट्रेडिंग के दो आवश्यक कारक होते हैं — मूल्य और मात्रा। इन दोनों का विश्लेषण प्रत्येक स्टॉक के लिए टेप रीडिंग रणनीति में किया जाता है। यह बाजार में वर्तमान में ट्रेड किए जाने वाले ट्रेडों की संख्या और प्रकार का उनके खरीद और बिक्री मूल्य के साथ प्रतिनिधित्व करती है।

कुछ बाजार विश्लेषक और ट्रेडर इसे समय और बिक्री (टाइम और सेल्स) या लेवल II कहते हैं। आइए समझते हैं कि समय और बिक्री विंडो पर कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध है।

समय और बिक्री विंडो ट्रेड का समय, मूल्य, आकार और स्थिति दिखाती है। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के आधार पर, आपको अधिक जानकारी भी मिल सकती है, लेकिन यही इसके चार मूलभूत हैं। समय और बिक्री विंडो आपको सटीक रूप से तय करने की अनुमति देती है कि किसी ट्रेड में कब प्रवेश करना है या उससे कब बाहर निकलना है।

सक्रिय ट्रेडिंग के दौरान, टेप रीडिंग एक प्रमुख संकेतक बन जाती है। लेकिन टेप प्रत्येक स्थिति के लिए विशिष्ट है, अन्य संकेतकों के विपरीत, जिनके पास अधिविक्रीत (ओवरसोल्ड) या अधिक्रीत (ओवरबॉट) के स्तर हैं।

खास मूल्य की बिंदुओं पर ब्रेकआउट और आपूर्ति बनाम मांग की पुष्टि करते समय टेप सबसे महत्वपूर्ण होती है। डे ट्रेडर्स आमतौर पर इंट्राडे ट्रेडिंग की जानकारी पर अपनी रणनीति बनाने के लिए टेप रीडिंग पर भरोसा करते हैं।

प्रवृत्ति व्यापार के लिए शुरुआती गाइड

नोट! जेसी लिवरमोर जिन्हें गति (मोमेंटम) ट्रेडिंग का जनक माना जाता है सहित कुछ सबसे प्रमुख ट्रेडरों के लिए टेप रीडिंग शानदार परिणामों के लिए की रीढ़ की हड्डी की तरह थी।

इससे पहले कि हम टेप रीडिंग की गतिशीलता और कैसे और क्यों में जाएँ, आईए पहले हम टेप रीडिंग के इतिहास के बारे में संक्षेप में जान लें।

टेप रीडिंग का इतिहास

नए कंप्यूटर-साक्षर और आधुनिक दुनिया के उच्च गति वाले डेटा विश्लेषकों और ट्रेडरों के बीच इसे एक पुराना शब्द माना जाता है। 1860 के अंत में ट्रेडरों ने टिकर टेपों का उपयोग करना शुरू कर दिया था। इन टेपों का उपयोग ट्रेडिंग सूचना प्रसारित करने के लिए किया जाता था। अमेरिकन टेलीग्राफ कंपनी के एक कर्मचारी एडवर्ड ए कैलहन को टेप रीडिंग का जनक माना जाता है।

एक दशक के भीतर ही टेप रीडिंग तकनीक मुख्यधारा बन गई। 1869 में थॉमस एडिसन ने पहला स्टॉक टिकर विकसित किया। टिकर टेप में मुख्य रूप से टिकर प्रतीक, मूल्य और मात्रा जैसी इंट्राडे जानकारी होती थी। एक सदी से भी अधिक लगभग 1960 के दशक तक, जब तक की बाजार इलेक्ट्रॉनिक नहीं हो गए, टेप रीडिंग ने ट्रेडिंग सूचनाओं के प्रसारण में अग्रिम भूमिका निभाई।

1970 के दशक में इलेक्ट्रॉनिक संचार नेटवर्क (ECNs) के आगमन के साथ, कंप्यूटर ने ट्रेडरों की टेप पढ़ने की रुचि को प्रभावित किया। हालाँकि, टेप रीडिंग अभी भी मौजूद है और कुछ डे ट्रेडरों के लिए मददगार भी है। प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग के माध्यम से, इसे एक इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर बुक के रूप में तैयार किया गया है।

ट्रेडिंग में टेप रीडिंग का उद्देश्य

अब जबकि आपको टेप रीडिंग के बारे में कुछ जानकारी हो गई है, तो आईए देखते हैं कि इस ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग क्यों और किसे करना चाहिए।

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टेप रीडिंग बाजार के माहौल और प्रतिभागी ट्रेडरों के व्यवहार की स्पष्ट समझ प्रदान करती है। डे ट्रेडर्स चार्टिंग तकनीक या टेप रीडिंग का उपयोग करने के बीच में चयन कर सकते हैं। काफी संख्या में डे ट्रेडर्स अभी भी टेप रीडिंग का उपयोग करना पसंद करते हैं। हालाँकि, तेज-तर्रार, कंप्यूटर-आधारित चार्टिंग संकेतक, संकेत और ओवरले आधुनिक समय के ट्रेडरों को आकर्षित करते हैं।

डे ट्रेडिंग के लिए टेप रीडिंग का लाभ वास्तविक समय में इंट्राडे डेटा तक पहुँच है। यह अल्पकालिक मूल्य पूर्वानुमानों के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है। यह ट्रेंड दिखने वाले संकेतक के रूप में मदद कर सकता है। अन्य दीर्घकालिक ट्रेडिंग रणनीतियों के साथ उपयोग किए जाने पर टेप रीडिंग दक्षता बढ़ा सकती है। इंट्राडे के आधार पर सिद्धांतों की पुष्टि करना या उन्हें अस्वीकार करना भी लंबी अवधि की ट्रेडिंग रणनीति के लिए एक आवश्यक टूल बन जाता है।

कॉन्टैंगो और बैक्वर्डेशन रणनीति (यहाँ पर समझाया गया है!)

एक कारण जिसकी वजह से कुछ उन्नत ट्रेडर टेप रीडिंग का उपयोग करते हैं, वह है इसकी अनुचित ट्रेडिंग प्रथाओं को उजागर करने की क्षमता। यह अक्सर उच्च-आवृत्ति की ट्रेडिंग कंपनियों और एल्गोरिथम ट्रेडरों द्वारा लागू किया गया मूल्य में हेरफेर, ट्रेडिंग में सट्टा और इन जैसे अन्य को खोजने में सक्षम बनाता है।

इनके पुराने और धीमे होने की सबसे बड़ी कमी को डिजिटल ऑर्डर बुक के विकास ने दूर कर दिया है। पहले, डेटा केवल प्राथमिक और वर्तमान तक ही सीमित था, लेकिन अब विभिन्न क्षेत्रों और गैर-निष्पादित ऑर्डर के लिए डेटा का उपयोग करने की क्षमता को जोड़ दिया गया है। यह डेटा सट्टे पर रोक लगाने में सक्षम बनाता है।

इस प्रकार, यह मान लेना सुरक्षित होगा कि टेप रीडिंग अभी भी प्रासंगिक और व्यावहारिक है यदि इसका उपयोग आधुनिक टूलों और तकनीकों के सहयोग के साथ किया जाए।

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टेप रीडिंग के माध्यम से ट्रेडिंग को इष्टतम बनाना

समय और बिक्री से मिलने वाली जानकारी हमें ट्रेड टाइमस्टैम्प, मूल्य स्तर, विशेष संपत्ति के लिए ट्रेडिंग की मात्रा, और संभावित बोली या पेशकश जो रखी जा सकती है, प्रदान करती है।

आधुनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हमें गैर-निष्पादित ट्रेडों के बारे में भी डेटा प्रदान करते हैं। आप उन्हें डिजिटल ऑर्डर बुक में देख सकते हैं। यह ट्रेडरों को वित्तीय बाजारों और मूल्य कार्रवाई की बाजार संरचना को समझने में सक्षम बनाता है। ट्रेडर आजकल इस जानकारी का उपयोग अपनी ट्रेडिंग रणनीति तैयार करने के लिए भी करते हैं।

नोट! टेप रीडिंग करने के लिए ट्रेडिंग की आंतरिक समझ और अनुभव की आवश्यकता होती है। निर्णय केवल इन पर आधारित नहीं हो सकते।

अपनी ट्रेडिंग बढ़ाने के लिए टेप रीडिंग का उपयोग करना

हर स्टॉक अलग तरह से ट्रेड और व्यवहार करता है। आपको यह समझना चाहिए कि पुराने ज़माने के ट्रेडर इन टेपों को प्रभावी ढंग से कैसे पढ़ते थे।

ट्रेडिंग का अनुभव लाखों ट्रेडरों द्वारा वर्षों से संचित किया गया है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि सॉफ्टवेयर कितने भी आधुनिक और जटिल बन जाएँ, मानव दिमाग और उसके व्यवहार का पैटर्न महत्वपूर्ण रहते हैं। कुछ त्वरित मुद्दे जिन पर आपको ध्यान केंद्रित करना चाहिए वे नीचे सूचीबद्ध किए गए हैं:

  • समर्थन और प्रतिरोध स्तरों की पहचान करना 

वे सभी मूल्य क्रियाओं के लिए आवश्यक रहते हैं। एक ट्रेडर के रूप में, आप जिस एसेट में रुचि रखते हैं, उसके लिए ऑर्डर बुक में बड़े लिमिट वाले ऊपर/नीचे के ऑर्डर देखें। उनकी उपस्थिति विशिष्ट स्तरों पर मजबूत प्रतिरोध/समर्थन का संकेत दे सकती है। लगभग सभी आधुनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आपको इन्हें सीधे अपने ट्रेडिंग एल्गोरिदम में एकीकृत करने की अनुमति देते हैं।

  • लहरों की सवारी 

पुराने ट्रेडरों से सीखना एक और महत्वपूर्ण पहलू है। दिन के शुरुआती घंटों के दौरान बाजार में तत्काल अव्यवस्था की प्रतीक्षा करें। बाजार के मिजाज और दिशा को देखने के लिए बाजार को पढ़ें और इंतजार करें। बाजार के भाव को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करें।

  • समय से पहले एक लाभदायक पोजीशन को छोड़ने से बचें
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बाजार में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, जिनमें साइडवेज, मोमेंटम रिवर्सल, ट्रेंड स्लो-डाउन आदि शामिल हैं। यह पहचान पाने का कौशल कि कब अपनी पोजीशन को खुला रखना है और कब बंद करना है, यही आपकी उपलब्धियों को परिभाषित करगा।

आइए अब, प्रसिद्ध ट्रेडरों में से एक के बारे में जाने और टेप रीडिंग के बारे में उनकी राय को देखें।

जेसी लिवरमोर के टेप रीडिंग नियम

हालाँकि बाजार बदल गए हैं और प्रौद्योगिकी बहुत हद तक विकसित हो गई है, लेकिन फिर भी जेसी लिवरमोर के टेप रीडिंग नियमों को यहाँ शामिल न करना अनुचित होगा।

लिवरमोर ने निम्नलिखित मौलिक नियमों की वकालत की और उनका इस्तेमाल भी किया:

  • पहला नियम ब्रेकआउट के बारे में है। उनके अनुसार, यह हमेशा ट्रेड किए गए शेयरों की औसत मात्रा से ऊपर होना चाहिए।
  • पुलबैक औसतन 3 दिन या 3 सप्ताह तक रहता है। उसके बाद, आपको उम्मीद करनी चाहिए कि बढ़े हुए शेयरों का ट्रेड होगा और कीमतें ट्रेंड का पालन करेंगी।
  • शेयर की कीमत ब्रेकआउट की दिशा में कई दिनों तक जारी रहनी चाहिए।
  • पुलबैक खरीदना नए स्टॉक के परिपक्व होने का एक स्वाभाविक उप-उत्पाद है। ट्रेड किए गए शेयरों की संख्या घटने लगेगी।

नोट! ट्रेडिंग में टेप रीडर का उपयोग करने के तरीके को बेहतर ढंग से समझने के लिए, माइक बेलाफियोर द्वारा द प्लेबुक: एन इनसाइड लुक ऑन हाउ टू थिंक लाइक अ प्रोफेशनल ट्रेडर को पढ़ें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

आइए ट्रेडरों द्वारा टेप रीडिंग के बारे में पूछे जाने वाले अन्य प्रश्नों को देखें।

ट्रेडिंग में टेप रीडिंग क्या होती है?

टेप रीडिंग एक ट्रेड में मूल्य और मात्रा के विश्लेषण के आधार पर एक रणनीति है। यह लाभदायक ट्रेड बनाने के लिए बाजार के मिजाज पर शोध करती है।

निर्णय लेने के लिए टेप रीडर्स द्वारा किस तंत्र का उपयोग किया जाता है?

ट्रेड की मात्रा और मूल्य की चाल टेप को पढ़ने वालों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कुछ मापदण्ड हैं। इस डेटा के आधार पर ट्रेडिंग के फैसले जैसे कि ट्रेड के प्रवेश बिंदु, शेयर को होल्ड करके रखना या बेचना आदि। ये बाजार का ट्रेंड दिखाते हैं।

क्या टेप रीडिंग के लिए कोई विशिष्ट टूल उपयोग किए जाते हैं?

टेप रीडिंग के लिए आज कई टूल उपलब्ध हैं। उनमें से कुछ, जैसे कि टिक चार्ट और समय और बिक्री डेटा, अक्सर ट्रेडरों द्वारा ट्रेडिंग के निर्णय लेने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

क्या टेप रीडिंग आज भी प्रासंगिक है?

हाँ, यह आज भी प्रासंगिक है। हालाँकि, टेप के साथ ट्रेडिंग करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली और इसका नाम बदलकर इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर बुक कर दिया गया है, फिर भी इसका महत्व है।

क्या टेप रीडिंग शॉर्ट-टर्म (अल्पकालिक) ट्रेडिंग के लिए उपयोगी है?

टेप रीडिंग हमेशा प्रचलित बाजार के ट्रेंड को मापने और त्वरित निर्णय लेने के लिए उपयोग की जाती रही है। इसलिए, यह अल्पकालिक यानी शॉर्ट-टर्म ट्रेड में सहायक होती है।

क्या टेप रीडिंग और अन्य रणनीतियों में कोई अंतर है?

टेप रीडिंग में, बाजार के तत्काल प्रवाह का उपयोग निर्णय लेने के लिए किया जाता है, जबकि ट्रेडिंग की अन्य रणनीतियाँ केवल तकनीकी विश्लेषण पर निर्भर करती हैं।

क्या टेप रीडिंग की रणनीति का उपयोग करते समय कुछ जोखिम शामिल हैं?

टेप रीडिंग का उपयोग करने के पीछे का विचार त्वरित निर्णय लेना है, और इस प्रकार इसे उच्च जोखिम वाली ट्रेडिंग रणनीति के रूप में माना जाता है। बाजार हमेशा ही अस्थिर होते हैं, और ट्रेंड को गलत पढ़ने की संभावना हमेशा बनी रहती है। इसलिए, यह अनुशंसा की जाती है कि निर्णय केवल टेप रीडिंग पर आधारित नहीं होने चाहिए।

क्या आपको लगता है कि टेप रीडिंग को सीखना आसान है? 

ट्रेडिंग रणनीति योजना कैसे बनाएं

टेप रीडिंग एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें समर्पित स्क्रीन प्रबोधन शामिल होता है। सैद्धांतिक रूप से, कोई भी अलग-अलग पुस्तकों, पाठ्यक्रमों और लेखों से सीख सकता है। लेकिन टेप रीडिंग के आधार पर निर्णय लेने के लिए अनुभव की आवश्यकता होती है। विभिन्न ट्रेडिंग प्लेटफार्मों द्वारा पेश किए गए डेमो खातों की बदौलत धन खोने के जोखिम के बिना इसका अभ्यास किया जा सकता है।

क्या टेप रीडिंग को एकल रूप से इस्तेमाल किया जाना चाहिए?

नहीं, टेप रीडिंग का उपयोग अकेले केवल तब तक किया गया जब तक की अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं थे। आज बाजार का व्यापक दृष्टिकोण देने वाली कई ट्रेडिंग रणनीतियाँ उपलब्ध हैं। इनके साथ मिलकर, टेप पढ़ना फलदायी साबित हो सकता है।

भूतपूर्व टेप रीडर्स की उपलब्धियों के पीछे क्या कारण रहे होंगे?

सफल टेप रीडर्स की पहचान डेटा की तेज और सटीक समझ और विश्लेषण है। पहले, वे योजना के साथ डटे रहते थे और महत्वपूर्ण जोखिमों का प्रबंधन करने में सक्षम होते थे। 

निष्कर्ष

टेप रीडिंग की प्रासंगिकता समाप्त नहीं हुई है, बल्कि इसकी कार्यप्रणाली और इसमें उपयोग होने वाली प्रौद्योगिकी में वृद्धि हुई है। अनुकूल ट्रेडिंग परिणाम प्राप्त करने के लिए टेप रीडिंग और आधुनिक समय के संकेतकों, चार्ट, संकेतों आदि का अप्रतिरोध्य मिश्रण आवश्यक है। इसलिए, सभी को टेप पढ़ने और विभिन्न परिदृश्यों के तहत स्टॉक और उसके मूल्य के बीच के संबंध को समझने के कौशल को तराशना चाहिए। याद रखें, फंड्स खोने का जोखिम हमेशा बना रहेगा, लेकिन अनुभव और ज्ञान के साथ, इसे काफी कम किया जा सकता है।

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